देश के 60 करोड़ से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा: पीएम मोदी

डेयरी टुडे नेटवर्क,
मथुरा, 11 सितंबर 2019,

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को उत्तर प्रदेश के मथुरा पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान में देश में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पशुओं के खुरपका-मुंहपका रोग (एफएमडी) और ब्रूसेलोसिस के नियंत्रण और उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण प्रोग्राम (एनएसीडीपी) की शुरूआत की। पूरी तरह से केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम पर 13,343 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि इन दोनों बीमारियों में कमी लाने के प्रयास के तहत देशभर में 60 करोड़ से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। इतना ही नहीं जिन पशुओं का टीकाकरण हो जाएगा उन्हे आधार की तरह यूनीक आईडी दी जाएगी और उनके कानों में टैग भी लगाया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने पशुओं के टीकाकरण और रोग प्रबंधन, कृत्रिम गर्भाधान और उत्पादकता पर आधारित राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम और देश के सभी 687 जिलों के सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों में एक राष्ट्रव्यापी कार्यशाला की भी शुरूआत की। इस मौके पर जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘पर्यावरण और पशुधन हमेशा ही भारत की आर्थिक सोच और इसके दर्शन के केन्द्र में रहे हैं। इसीलिए, चाहे स्वच्छ भारत अथवा जल जीवन अभियान हो अथवा कृषि और पशुपालन को बढ़ावा देने की बात हो, हम हमेशा प्रकृति और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन कायम रखने की कोशिश करते हैं।’
प्रधानमंत्री मोदी कहा, ‘‘भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुधन बहुत मूल्यवान है। कोई कल्पना करे कि पशुधन के बिना अर्थव्यवस्था चल सकती है क्या? गांव चल सकता है क्या? गांव का परिवार चल सकता है क्या? लेकिन पता नहीं ‘ओम’ शब्द सुनते ही करंट लग जाता है कुछ लोगों को।”

अफ्रीका के रवांडा का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वे वहां गए थे और वहां गांवों में लोगों को गाय भेंट में दी जाती है। गांव में गाय, पशुपालन और दुग्ध उत्पादन अर्थव्यवस्था का आधार बने हैं। भेंट की गयी गाय की पहली बछिया को सरकार लेती है और उन लोगों को सौंपती हैं जिनके पास गाय नहीं है। इस तरह पूरी श्रृंखला चलती रहती है और गाय लोगों की आय का एक हिस्सा बनती है।” प्रधानमंत्री ने पशुओं के स्वास्थ्य, पोषण और दूध उत्पादन से संबंधित कई अन्य कार्यक्रमों की भी शुरूआत की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने में पशुपालन और अन्य संबंधित क्रियाकलापों को अत्यधिक भूमिका है और पुशपालन, मछलीपालन, मधुमक्खी पालन आदि में निवेश करने से अधिक लाभ प्राप्त होते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में हम खेती और क्रियाकलापों के संदर्भ में एक नई पहुंच के साथ आगे बढ़े हैं और पुशधन, दूध उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार लाने और उनकी विविधता के क्रम में आवश्यक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पशुओं के लिए हरे चारे और पोषक आहार की नियमित आपूर्ति के लिए एक समुचित समाधान ढूंढने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में दुग्ध क्षेत्र के विस्तार के लिए नवाचार और नई प्रौद्योगिकी समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारे गांवों से इस प्रकार की नई खोजें की जाएं, इसके लिए हमने ‘स्टार्ट- अप ब्रांड चैलेंज’ की शुरूआत की है। प्रधानमंत्री ने युवाओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनकी अवधारणाओं को आगे ले जाने और उनके लिए समुचित निवेश जुटाने के लिए गंभीरतापूर्वक विचार किया जाएगा। इससे रोजगार के नए अवसर तैयार होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर में पशु आरोग्य मेले का भी उद्घाटन किया और मेले में लगाए गए विभिन्न स्टॉलों का अलोकन किया। इस मौके पर केंद्रियी पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन मंत्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय डेयरी और पशुपालन राज्यममंत्री संजीव बालियान, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी के पशुपालन और डेयरी विकास मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, मथुरा की सांसद हेमामालिनी समेत तमाम मंत्री, सांसद और विधायक मौजूद रहे।

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