Corona Crisis के बावजूद Amul को बिजनेस में 15% की वृद्धि की उम्मीद

Dairy Today Network,
नई दिल्ली, 22 अप्रैल, 2020,

अमूल ब्रांड के तहत डेयरी उत्पाद बनाने वाली सहकारी संस्था जीसीएमएमएफ को कोविड-19 वायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाऊन की वजह से आई आर्थिक नरमी के बावजूद चालू वित्तवर्ष में अपने कारोबार के 15 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। समाप्त वित्त वर्ष 2019-20 में संस्था ने 38,550 करोड़ रुपये का कारोबार किया था। गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) के प्रबंध निदेशक आरएस सोढी ने कहा कि घरों में दूध और अन्य डेयरी उत्पादों की होने वाली खपत बढ़ने की उम्मीद है। इससे लॉकडाऊन के दौरान होटल, रेस्तरां और कैफेटेरिया के बंद होने की वजह से बिक्री में जो कमी आई है उसकी भरपाई भी हो सकेगी।

Covid-19 का खाद्य उत्पादों की मांग पर कोई प्रभाव नहीं- आरएस सोढ़ी

Amul Dairy के एमडी आरएस सोढ़ी ने एक इंटरव्यू में पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘कोविड-19 का खाद्य उत्पादों की मांग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस महीने मूल्य के संदर्भ में हमारी बिक्री पिछले साल के इसी महीने के बराबर ही है। कुछ उत्पादों की मांग में कमी आई है लेकिन कई उत्पादों की बिक्री बढ़ गई है।’’ चालू वित्तवर्ष के परिदृश्य के बारे में पूछे जाने पर श्री सोढ़ी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि हमारे कारोबार में 15 प्रतिशत की वृद्धि होगी।’’ वित्तवर्ष 2019-20 के दौरान जीसीएमएमएफ का कारोबार 17 प्रतिशत बढ़कर 38,550 करोड़ रुपये का हो गया। दूध कारोबार की मौजूदा स्थिति के बारे में आरएस सोढ़ी ने कहा, ‘‘धीरे-धीरे चीजें सामान्य होने लगी हैं।’’ बिक्री के बारे में, उन्होंने कहा कि ताजा दूध की मांग में आठ प्रतिशत तक की गिरावट आई है क्योंकि होटल और रेस्तरां बंद हैं।’’ होटल, रेस्तरां और कैफेटेरिया खंड में कुल मांग का 12-15 प्रतिशत का योगदान है। लेकिन, ताजा दूध और मक्खन दूध की घरेलू खपत में वृद्धि के कारण गिरावट का स्तर कम है।

मक्खन, घी, पनीर, मिल्क पाउडर की मांग बढ़ी, आइस्क्रीम की घटी

अमूल के एमडी श्री सोढ़ी ने कहा कि मक्खन, घी, पनीर, पनीर और दूध पाउडर की बिक्री में 20-35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, क्योंकि लोग अधिक खपत कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने बताया कि आइसक्रीम की मांग में 85 प्रतिशत की तेज गिरावट आई है, जबकि क्रीम और मोज़ेरेला चीज़ की बिक्री में क्रमशः 70 प्रतिशत और 50 प्रतिशत की गिरावट है। उन्होंने कहा, ‘‘किसानों से दूध की खरीद में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है क्योंकि असंगठित क्षेत्र के द्वारा खरीद नहीं की जा रही है।’’ उन्होंने कहा कि अधिशेष दूध को स्किम्ड मिल्क पाउडर (एसएमपी) के निर्माण के लिए संसाधित किया जा रहा है, जिसकी कीमत लॉकडाउन से पहले 320 रुपये से 250 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है।

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