केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने किया ‘कामधेनु दीपावली 2021 अभियान’ का शुभारंभ

डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर 2021,

केंद्रीय मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला की उपस्थिति में रविवार को कामधेनु दीपावली 2021 पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें भारत के सभी राज्यों के गौ उद्यमियों ने भाग लिया। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के प्रथम अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. वल्लभभाई कथीरिया के मार्गदर्शन में 100 करोड़ गोमय दीये प्रज्ज्वलित करने के लिए और गोमय लक्ष्मी गणेश की मूर्ति से घर-घर में दीपावली पूजन सुनिश्चित करने के लिए ‘कामधेनु दीपावली 2021 अभियान’ शुरू किया गया है। भारत के सभी राज्यों में इसके लिए बैठक और प्रशिक्षण का कार्यक्रम आरम्भ कर दिया गया है।

कामधेनु दीपावली, देशी गाय को दूध, दही, घी के साथ-साथ गौमूत्र तथा गोबर के माध्यम से भी आर्थिक रूप से उपयोगी बनाने का अभियान है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पंचगव्य से 300 से ज्यादा गौ उत्पादों का निर्माण शुरू हो चुका हैं। इसके तहत दिवाली उत्स्व के लिए गोबर आधारित दीयों, मोमबत्तियों, धूप, अगरबत्ती, शुभ-लाभ, स्वस्तिक, साम्बरानी कप, हार्डबोर्ड, वॉल-पीस, पेपर-वेट, हवन सामग्री, भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्तियों का निर्माण शुरू हो चुका है।

केंद्रीय डेयरी और पशुपालन मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार गौपालक और गौ-उद्यमियों द्वारा बनाये गए गोमय दीये, चाइनीच और केमिकल्स युक्त हानिकारक दीयों से बचाएंगे। इको फ्रेंडली दीयों का प्रयोग बढ़ेगा। पिछले वर्ष करोड़ों गोमय दीये भारत से सभी राज्यों में बनाये गए थे। इस बार कामधेनु दीपावली को और बड़े पैमाने पर मनाने का निश्चय किया गया। हजारों गाय आधारित उद्यमियों को व्यवसाय के अवसर पैदा करने के अलावा गाय के गोबर से बने उत्पादों के उपयोग से स्वच्छ वातावरण भी मिलेगा। यह गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा। यह अभियान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ की परिकल्पना और स्टार्ट अप अभियान और आत्मनिर्भर भारत अभियान, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देगा। चीन निर्मित दीयों का पर्यावरण अनुकूल विकल्प प्रदान करके यह अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ की परिकल्पना और अभियान को बढ़ावा देगा और पर्यावरणीय क्षति को कम करते हुए स्वदेशी आंदोलन को भी प्रोत्साहन देगा।

डॉ. वल्लभभाई कथीरिया ने कहा कि हमने किसानों, बेरोजगार युवाओं, महिलाओं, युवा उद्यमियों, गौशालाओं, गोपालकों, स्वयं सहायता समूहों आदि विभिन्न वर्गों में गोमय उत्पादों के प्रति काफी रुचि पैदा की है। गौ आधारित अर्थव्यवस्था से ही भारत को फिर से ‘विश्व गुरु’ बना पाएंगे। बंशी गौ-धाम के श्री नीरज चौधरी ने उनके संस्थान में बन रहे विविध गोमय उत्पाद दिखाए जिसमें मंत्री श्री पुरुषोत्तम रुपाला जी का गोमय से बना नाम प्लेट भी शामिल था। उन्होंने वेबिनार के दौरान मिनटों में गोमय दीपक और गोमय लक्ष्मी गणेश की मूर्ति बना के दिखाई।

केंद्रीय पशुपालन मंत्री श्री रुपाला ने वेबिनार में जुड़े सभी गौ-उद्यमियों को प्रोत्साहित किया। अंत्येष्टि क्रिया के लिए गौ काष्ठ यानि गाय के गोबर से बनी लकड़ी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का आह्वान किया। समस्त भारतीयों से उन्होंने कामधेनु दीपावली अभियान से जुड़ने की अपील की, गोमय उत्पादों के निर्माण और खरीद से जुड़ने का आह्वान किया और इस अभियान को सरकार का पूर्ण समर्थन दिया। उन्होंने बताया कि सभी कृषि विज्ञान केंद्रों पर गाय रखकर गोमय उत्पादों का निर्माण एवं उनका प्रशिक्षण कराया जाएगा। श्री रुपाला ने सुझाव दिया कि जैसे गांधी जयंती पर खादी के उत्पादों की खरीद और बिक्री का चलन है, वैसे ही गोमय उत्पादों की बिक्री के लिए भी दीपावली के आसपास कोई एक दिन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

सुरभि मंत्र से सब का अभिवादन एवं वेबिनार का संचालन श्री पुरीश कुमार ने किया। स्वागत व्याख्यान और अतिथियों का परिचय श्री मित्तल खेताणी (सदस्य, ऐनिमल वेलफेर बोर्ड) ने किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. वल्लभभाई कथीरिया द्वारा व्याख्यान दिया गया। इसके बाद मुख्य अतिथि श्री रुपाला जी ने संबोधित किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय गौ सेवा गतिविधि के संयोजक श्री अजीत प्रसाद महापात्र ने अपने संबोधन में सभी भारतीयों को अपने दैनिक जीवन एवं त्योहारों पर गोमय उत्पादों के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित किया। जेलों में गोमय दीपक एवं अन्य गोमय उत्पादों के निर्माण के लिए प्रयास करने की बात भी कही। श्री गिरीश भाई शाह ने अपने संबोधन में गौ उत्पादों को जीएसटी से मुक्त करने की अपील की।

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