BY नवीन अग्रवाल
हमें बचपन से ही दूध पीने की नसीहत दी जाती है और बार-बार इसके सेवन को लेकर ताकीद की जाती है। दूध नहीं पियोगे तो ताकत नहीं आएगी, हड्डियां मजबूत नहीं होंगी, दिमाग काम नहीं करेगा आदि-आदि। हम भी यही कहेंगे कि यह कहना गलत नहीं है। दूध वाकई गुणों का खजाना है। बच्चों के लिए तो इसे संपूर्ण आहार कहा जाता है। आइये जानते हैं कि दूध के सेवन कितने लाभ हैं।
इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस उम्र के हैं। यदि आप अपने दिमाग और शरीर को चुस्त बनाए रखना चाहते हैं तो रोजाना एक गिलास दूध पीना शुरू कर दीजिए। ऐसा करने से आपकी दिमागी क्षमता तेज होगी और शरीर में स्फूर्ति बनी रहेगी। यह कई अध्ययनों में साबित भी हो चुका है कि दूध न सिर्फ पोषक तत्वों से भरपूर होता है, बल्कि इससे बुद्धि पर सकारात्मक असर पड़ता है और मानसिक क्षमता तेज होती है। यह दिल की बीमारी और ब्लड प्रेशर से भी लोगों को बचाता है।
दूध के सेवन से कई बीमारियों में राहत मिलती है। ओस्टियोपोरोसिस नामक रोग कैल्शियम की कमी के चलते होता है। यदि खाने से दूध व इससे बने उत्पादों को बाहर निकाल लिया जाए तो हड्डियों का क्षरण शुरू हो जाता है। खासकर महिलाओं में यह ज्यादा देखने को मिलता है। दूध शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर करता है और ओस्टियोपोरोसिस के जोखिम से बचाता है। कम उम्र में दांत गिरना, कमजोर होना, हाथ-पैर में दर्द रहना आदि कैल्शियम की कमी के सबब हैं। इन दिनों जीवनशैली से दूध गायब होता जा रहा है और उसकी जगह सॉफ्ट ड्रिंक ने ले ली है।
मांसपेशियों के लिए भी दूध बहुत जरूरी है। दूध में मौजूद प्रोटीन क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत में उपयोगी है। हर दिन व्यायाम करने के बाद या सुबह के नाश्ते में दूध लेने से न केवल शरीर को ऊर्जा मिलती है, बल्कि शरीर में तरल पदार्थ की कमी भी दूर होती है। विभिन्न शोधों के अनुसार दूध का नियमित सेवन पेट के कैंसर जैसी आशंका को कम करता है।
आहार विशेषज्ञों के मुताबिक जो लोग फल और हरी सब्जियों के साथ लो-फैट दूध का सेवन करते हैं, उन्हें कम तनाव होता है और उनका रक्तचाप भी सामान्य रहता है। दस साल तक अधिक वजन वाले 3000 लोगों पर किए गए शोध के परिणामों के मुताबिक वजन घटाने के प्रयास में जुटे और डायबिटीज के शिकार लोग यदि रोजाना स्किम्ड दूध पिएं तो उनका वजन जल्दी कम हो सकता है और वे टाइप 2 डायबिटीज से बच सकते हैं।
दूध की वजह से काफी देर तक भूख नहीं लगने का एहसास बना रहता है। ऐसे में व्यक्ति हल्का खाना खाता है और उसका वजन नियंत्रण में रहता है। दूध में प्रोटीन अधिक होता है, जो काबरेहाइड्रेट के स्तर को घटाता है, जिसके चलते वजन कम होता है। दरअसल दूध में कैल्शियम, प्रोटीन, वसा व चिकनाई की मात्र काफी होती है, जिससे त्वचा में कसाव आता है। झुर्रियां कम होती हैं। कच्चे दूध से अच्छी कोई दूसरी क्लींजिंग क्रीम नहीं है। एक डॉक्टतर के मुताबिक दूध में पाया जाने वाला लैक्टिक एसिड एक्सफोलेंट और एंजाइम की तरह काम करता है, जो त्वचा को कोमल बनाने का काम करता है। इसमें एमिनो एसिड भी होता है, जो चेहरे को नमी देता है।
भागदौड़ भरे जीवन में तनाव लाइफस्टाइल का एक अंग बन गया है, जिसकी वजह से मांसपेशियों में खिंचाव, नसों का अस्त व्यस्त होना, डिप्रेशन आदि आम बात है। ऐसे में दूध पीएमएस के लक्षणों को कम करता है और ऊर्जा बढ़ाता है। हमारे शरीर में कई ऐसे हार्मोन उत्पन्न होते हैं, जो शरीर और दिमाग को रिलैक्स करने में मदद करते हैं। दूध इन हार्मोन्स को बनाने में मदद करता है। दरअसल दूध में पाए जाने वाले उच्च स्तरीय प्रोटीन के पचने में थोड़ा ज्यादा वक्त लगता है, जिसके चलते पेट भरे होने का अहसास बना रहता है, जिससे हार्मोन जारी होने में मदद मिलती है और डिप्रेशन कम होता है।
दूध एंटासिड (अम्ल तत्वनाशक) के तौर पर काम करता है, इसलिए लीवर में बनने वाले कॉलेस्ट्रॉल के स्तर को भी घटा देता है। इसके चलते हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक का जोखिम कम हो जाता है। एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक दूध दिमाग को तेज बनाता है और मन को शांत रखने में मदद करता है।
दूध से कई तरह के लाभ होते हैं। दूध में काइब्रोहाइड्रेट, प्रोटीन और कैल्शियम होता है। ये तत्व शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय रहने वालों के लिए जरूरी होते हैं। कम वसा युक्त दूध आसानी से उपलब्ध होता है। दूध शर्करा यानी लेक्टोस का पाचन धीरे-धीरे होता है। अत: दूध के सेवन से रक्त शर्करा के स्तर में तुरंत बढ़ोतरी नहीं होती।
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