केंद्र सरकार देशभर में पशुओं के लिए चला रही है मोबाइल क्लीनिक की अभिनव योजना: रुपाला

डेयरी टुडे नेटवर्क,
हल्द्वानी, 4 जनवरी 2022,

केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और दुग्ध विकास मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने मंगलवार को राजकीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्र कालसी में राष्ट्रीय गोकुल मिशन परियोजना के तहत वित्त पोषित 19.63 करोड़ रुपये की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण किया। इसमें गोवंश के लिए भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीकी प्रयोगशाला, जैव भ्रूण प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण छात्रावास, सचल भ्रूण प्रत्यारोपण प्रयोगशाला वाहन की व्यवस्था की गई है। इसी तरह नाबार्ड की ओर से वित्त पोषित 4.92 करोड़ की कार्य योजना का उन्होंने शिलान्यास भी किया। इससे स्वचालित मिल्क पार्लर, 50 वत्स क्षमता युक्त शिशु गोवंश बाड़ा, तीन हजार कुतल क्षमता युक्त भूसा गोदाम, पशुओं के लिए एक लाख लीटर क्षमता युक्त पेयजल टैंक, 1.5 किलोमीटर लंबी पेयजल पाइप लाइन का विकास और कृषक प्रशिक्षण केंद्र के सुदृढ़ीकरण कार्य की शुरुआत हुई।

केंद्रीय मंत्री रुपाला ने कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी ने देशभर में पशुओं के लिए मोबाइल क्लीनिक की अभिनव योजना स्वीकृत की है। उत्तराखंड में कुल 60 क्लीनिक स्वीकृत है, जिसके लिए बजट भी आवंटित किया जा चुका है। केंद्र सरकार की ओर से किसानों की तरह पशुपालकों और मत्स्य पालकों को भी जीरो प्रतिशत ब्याज पर क्रेडिट कार्ड देने की योजना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि में दुग्ध, अंडा और मछली उत्पादन के क्षेत्र में सर्वांगीण विकास कर किसानों की आय में वृद्धि करने की योजना है।

राज्य की पशुपालन मंत्री रेखा आर्य ने योजनाओं को पशुपालन, दुग्ध विकास एवं मत्स्य विकास के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति बताया। उन्होंने पशु चिकित्सालयों के आधुनिकीकरण, चारा विकास, अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन प्रयोगशाला के उन्नयन, कुक्कुट और भेड़, बकरी पालन के क्षेत्र में विकास, रोग निदान प्रयोगशालाओं के उन्नयन के लिए प्रस्तावित 500 करोड़ से अधिक की कार्य योजनाओं की केंद्रीय मंत्री से मांग भी की।

सचिव पशुपालन विभाग डा. आर मीनाक्षी सुन्दरम ने राजकीय पशुधन प्रक्षेत्र कालसी की प्रगति और योगदान को गिनाया। उन्होंने कहा कि 80 वर्षों से राजकीय पशुधन प्रक्षेत्र कालसी ने रेड सिधी नस्ल के गोवंश के संरक्षण और संवर्धन में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। देश में शुद्ध रेड सिंधी ब्रीडिंग स्टाक के रूप में इस प्रक्षेत्र को अग्रणी स्थान प्राप्त है। गीर व साहीवाल नस्ल के गोवंश के संरक्षण, संवर्धन के लिए अभिनव प्रयास किये जा रहे हैं। भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक में उल्लेखनीय योगदान के साथ ही देशभर के पशु चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए प्रशिक्षण केंद्र के रूप में भी यहां सेवाएं दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि कृत्रिम गर्भाधान के जरिये 93 प्रतिशत मादा शिशुओं के जन्म की क्रिया भी यहां के प्रयोगशाला से संभव हो सकी है। इस तकनीक से भविष्य मे दुधारू पशुओं की अधिकता और नर गोवंशीय पशुओं पर प्रभावी अंकुश संभव हो सका। कार्यक्रम में डा. एमएस चौहान, निदेशक एनडीआरआइ करनाल, डा. भूषण त्यागी संयुक्त आयुक्त (राष्ट्रीय गोकुल मिशन) पशुपालन मंत्रालय केंद्र सरकार, डा. प्रेम कुमार, निदेशक पशुपालन विभाग व मुख्य अधिशासी अधिकारी उत्तराखंड पशुधन विकास परिषद समेत अन्य विशेषज्ञ पशु चिकित्सक मौजूद रहे।

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