गुजरात में मोबाइल वेटरनरी डिस्पेंसरी सर्विस के निजीकरण से नाराज हैं पशु चिकित्सक

डेयरी टुडे नेटवर्क,
अहमदाबाद/नई दिल्ली, 2 जून 2020,

गुजरात में सैकड़ों की तादात में पशु चिकित्सक विजय रूपानी सरकार के एक फैसले से नाराज हैं। दरअसल, गुजरात सरकार ने मोबाइल वेटरनरी डिस्पेंसरी सर्विस (10 MVD) का निजीकरण कर दिया है। गुजरात सरकार ने 1 जून, 2020 से 10 MVD के संचालन का जिम्मा निजी कंपनी GVK-EMRI नाम की कंपनी को सौंप दिया है। आपको बता दें कि गुजरात के गांव-गांव तक पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल, टीकाकरण आदि की मोबाइल सर्विस पहुंचाने वाली मुख्यमंत्री 10 MVD सेवा अभी तक राज्य के पशुपालन विभाग द्वारा संचालित की जा रही थी।

गुजरात सरकार की 10 MVD सेवा में कार्यरत पशु चिकित्सक डॉ. शमशाद अली ने डेयरी टुडे को बताया कि पहले डॉक्टरों को 8 घंटे की ड्यूटी के लिए 45,000 रुपये प्रति महीने का भुगतान होता था, लेकिन GVK-EMRI ने ड्यूटी ऑवर को बढ़ाकर 12 घंटे और वेतन घटाकर 40,000 रुपये कर दिया है। उन्होंने बताया कि जब सरकार ने इसके लिए विज्ञापन निकाला था, तब उसमें स्पष्ट तौर पर लिखा था कि इस सेवा को 11 महीने तक राज्य के पशुपालन विभाग के द्वारा संचालित किया जाएगा। लेकिन अब सरकार ने अचानक कॉन्ट्रैक्ट पीरियड के बीच में ही इस सेवा का संचालन निजी कंपनी को सौंप दिया है। 10 MVD सेवा में पूरे गुजरात में करीब 460 पशु चिकित्सक कॉन्ट्रैक्ट पर तैनात हैं।

इस मोबाइल वेटरनरी डिस्पेंसरी सर्विस में लगे पशु चिकित्सकों में राज्य सरकार के निजीकरण के फैसले को बहुत आक्रोश है। पशु चिकित्सकों का कहना है कि मेहनत और ईमानदारी से अपना काम करने के बावजदू सरकार ने इस महत्वपूर्ण सरकारी सेवा का निजीकरण करने का फैसला किया है।

इससे प्रदेश में तैनात पशु चिकित्सकों में जबरदस्त नाराजगी है। डॉक्टरों का कहना है कि पिछले तीन महीने से COVID-19 जैसी वैश्विक महामारी के दौरान भी राज्य के पशुचिकित्सकों ने विषम परिस्थियों में मोबाइल वेटरनरी डिस्पेंसरी के जरिए अपनी सेवाएं पशुपालकों तक पहुंचाई हैं।

पशु चिकित्सकों का कहना है कि निजी कंपनी जीवीके-ईएमआरआई की शोषणकारी नीतियों की वजह से उसके साथ काम करना मुश्किल है। इनकी मांग है कि पहले की तरह मोबाइल वेटरनरी डिस्पेंसरी सर्विस का संचालन राज्य के पशुपालन विभाग को सौंपा जाए।

इंडियन वेटरनरी एसोसिएशन ने भी गुजरात के पशु चिकित्सकों की इस मांग का समर्थन किया है। आईवीए के अध्यक्ष डॉ. सी कादियान ने मुख्यमंत्री विजय रूपानी को पत्र लिखकर मोबाइल वेटरनरी डिस्पेंसरी सर्विस का संचालन पहले की भांति पशुपालन विभाग को सौंपने की अपील की है।

आपको बता दें कि बड़ी संख्या में मोबाइल वेटरनरी डिस्पेंसरी सर्विस से जुड़े गुजरात के पशु चिकित्सक सोशल मीडिया पर अपने मांग को लेकर आंदोलन चला रहे हैं। लेकिन राज्य और केंद्रीय स्तर पर उनकी मांगों पर जवाब देने के लिए कई भी मंत्री या अधिकारी सामने नहीं आया है।

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One thought on “गुजरात में मोबाइल वेटरनरी डिस्पेंसरी सर्विस के निजीकरण से नाराज हैं पशु चिकित्सक”

  1. mvd10 सेवा बंद होने से पढालिखा एटोंडन्स बेरोजगार हो जायेगा mvd 10 मे नोकरी करने के बाद थोडी आश जगी थी घर की जिमेदारी जैसे तैसे उठा रहे थे अब पुरे गुजरात के हजारो एटेंडन्स मजदूर बन जायेंगे रही हमारी अलग बात पर हम लोग डोक्टरो के साथ मिलकर जहा गाडी या वाहन नही जा पा रहा था वहीं पे जा के मुक पशु की जो टीकाकरण बिमार पशु जहा भी हो कैसे भी एरिया मे हो 10 MVD से जो अबोल पशु की सेवा करने का मौका मिला था mvd बन्द होने से पशुभी लाचार फिर थोडी रोजगारी पाने वाला एटंडन्स लाचार कौन सूनेगा हमारी कोइ भी हो खानगीकरण होता चला जा रहा हजारो रोजगारी निकालने का सरकार का वादा अब mvd10 सेवा बन्द होने से हजारो बेकारीया फीर से शूरू ये देशमे अपराध कैसे खत्म होगा रोज देश के युवा आधे राह मे बेकार बना दिया जाता उसकी कौन सुनेगा हम लोग भी थोडी सी रोजगारी पा कर इज्जत से जिना चाहते थे पर mvd10 सेवा बन्द होने से फिर से बेकार बेरोजगार

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