दूध उत्पादकों को 10 रुपये प्रति लीटर अनुदान दिलाने के लिए आंदोलन करेगी BJP

डेयरी टुडे नेटवर्क,
मुंबई, 18 जुलाई 2020

महाराष्ट्र में दुग्ध उत्पादकों को अनुदान दिलाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने आंदोलन का ऐलान किया है। महाराष्ट्र भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री डॉ. अनिल बोंडे ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में दूध उत्पादकों को प्रति लीटर 10 रुपए अनुदान देने की मांग को लेकर भाजपा की ओर से 1 अगस्त को आंदोलन किया जाएगा। भाजपा के इस आंदोलन में सहयोगी दल रयत क्रांति संगठन, राष्ट्रीय समाज पक्ष और शिवसंग्राम भी शामिल होंगे। डॉ. बोंडे ने कहा कि आंदोलन में तहसीलदार के माध्यम से किसान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे की सेहत तुरुस्त बनाने के लिए दूध भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि आंदोलन के लिए ‘मुख्यमंत्री दूध लीजिए, दूध का भाव दीजिए’ का नारा दिया गया है।

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. बोंडे ने कहा कि महाराष्ट्र में रोजाना 1 करोड़ 40 लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है, लेकिन कोरोना संकट के कारण 20 मार्च से पैकेट वाले दूध की खपत 30 से 35 प्रतिशत कम हुई है। वहीं डेयरी प्रोडक्ट्स की बिक्री में भी 10 से 15 प्रतिशत की कमी आई है। इसलिए राज्य सरकार को किसानों को दूध के लिए प्रति लीटर 10 रुपए अनुदान देना चाहिए या फिर सरकार किसानों से गाय का दूध 30 रुपए प्रति लीटर की दर से खरीदे। डॉ. बोंडे ने कहा कि 1 अगस्त को आंदोलन के दौरान किसान दूध को सड़कों पर नहीं बहाएंगे, दूध के टैंकरों को नहीं जलाएंगे, बल्कि किसान तहसीलदार को मुफ्त में दूध देंगे। तहसीलदार के माध्यम से दूध को मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री आदित्य के पास भेजा जाएगा। इसके अलावा किसान अनाथालय और वृद्धाश्रमों में मुफ्त में दूध वितरित कर सरकार का ध्यान आकर्षित करेंगे।

स्वाभिमानी शेतकरी संगठन का दूध बंद आंदोलन 21 जुलाई को

राज्य की महाविकास आघाडी सरकार की सहयोगी स्वाभिमानी शेतकरी संगठन भी 21 जुलाई को सांकेतिक दूध बंद आंदोलन करेगी। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने यह घोषणा की। शेट्टी ने कहा कि राज्य सरकार से दूध उत्पादक किसानों के बैंक खाते में प्रति लीटर 5 रुपए अनुदान देने की मांग को लेकर आंदोलन किया जाएगा। शेट्टी ने कहा कि केंद्र सरकार से दूध पावडर के निर्यात के लिए 30 रुपए प्रति किलो की दर से अनुदान देने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को 30 हजार टन दूध पावडर का बफर स्टॉक करना चाहिए। राज्य में 52 लाख लीटर अतिरिक्त दूध की पैदावार है। इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार को लेनी चाहिए।

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