अमेरिका में इंजीनियर किशोर ने नौकरी छोड़कर हैदराबाद में शुरू किया डेयरी फार्म, आज 44 करोड़ का टर्न ओवर

डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 2 जुलाई 2021,

डेयरी फार्मिंग में कामयाबी के बहुत अवसर हैं, लेकिन इस पेशे की पहली शर्त है जुनून और कठिन परिश्र्म। आज हम आपको ‘डेयरी के सुल्तान’ में हैदराबाद के एक ऐसे ही जुनूनी प्रोग्रेशिव डेयरी फार्मर किशोर इंदुकुरी की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने विदेश की अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर डेयरी फार्मिंग में हाथ अजमाया और सफलता हासिल की। किशोर इंदुकुरी अमेरिका में इंटेल कंपनी में जॉब करते थे, लेकिन वे अपनी नौकरी छोड़कर भारत लौटे और डेयरी फार्मिंग के काम में जुड़ गए। उन्होंने हैदराबाद में सिड्स फार्म के नाम से डेयरी फार्म शुरू किया और ग्राहकों को सब्सक्रिप्शन के आधार पर गैर मिलावटी दूध पहुंचाना शुरू किया।

किशोर को कृषि और डेयरी का था जुनून

किशोर इंदुकुरी का जन्म एक माध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। उनकी अमेरिका में जाकर पढ़ाई करने और जॉब करने की इच्छा थी। IIT खड़गपुर से इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने एमहर्स्ट मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय से पॉलिमर साइंस एंड इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री ली और फिर पीएचडी पूरी करने के बाद उन्होंने इंटेल में नौकरी की। नौकरी के छह साल के बाद उन्होंने महसूस किया कि उनका असली जुनून को एग्रीकल्चर और डेयरी सेक्टर है। यहां उनके परिवार की कुछ जमीन थी। उन्होंने खेतों को देखा और किसानों के साथ बातचीत करने लगे। उसके बाद उन्होंने अपनी जॉब छोड़ने और खेती करने का फैसला किया।

20 गायों से शुरू किया डेयरी फार्म

हैदराबाद वापस आने पर उन्होंने देखा कि बिना मिलावट वाला सस्ता दूध एक अच्छा विकल्प है। इसके बाद उन्होंने हैदराबाद में अपना डेयरी फार्म शुरू किया और अपने प्रोडक्ट को ब्रांड बनाने के बारे में सोचा। 2012 में उन्होंने कोयंबटूर से 20 गायें खरीदीं और हैदराबाद में एक डेयरी फार्म बनाया। सब्सक्रिप्शन के आधार पर शहर के कस्टमर को उन्होंने सीधे तौर पर दूध की सप्लाई शुरू कर दी। 2016 में अपने बेटे सिद्धार्थ के नाम पर उन्होंने सिड्स फार्म को रजिस्टर किया। अब उनके यहां 120-कर्मचारी हर रोज करीब एक हजार से अधिक ग्राहकों को दूध पहुंचाते हैं और पिछले साल उन्होंने 44 करोड़ रुपये का कारोबार किया।

दूध के अलावा, दही, घी, मक्खन का भी उत्पादन

किशोर का कहना कि यह सब इतना आसान नहीं था। पहली बार उन्होंने 20 गायों के साथ सीधे ग्राहकों को दूध बेचना शुरू किया। उन्होंने तय किया कि जब लोग दिन की पहली चाय या कॉफी लें, तब दूध उनके घरों तक पहुंच जाए। इसलिए, वे सुबह 4 बजे दूध की सप्लाई करने लगे। धीरे-धीरे मांग बढ़ने लगी। गाय और भैंस के दूध के साथ शुरुआत करने के बाद, सिड फार्म गाय के दूध का मक्खन, स्किम दूध, गाय के दूध का घी, भैंस के दूध का घी और मक्खन, गाय और भैंस के दूध का दही सहित कई डेयरी उत्पादों का उत्पादन कर रहा है।

(साभार)

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