मिलिए, पश्चिमी राजस्थान के ‘डेयरी के सुल्तान‘ आशीष पुरोहित से, डेयरी फार्मिंग से कर रहे लाखों की कमाई

डेयरी टुडे नेटवर्क,
फलौदी,(जोधपुर), 5 नवंबर 2017,

डेयरी फार्मिंग के क्षेत्र में तमाम ऐसे लोग है जो अपनी कड़ी मेहनत के बल पर इस व्यवसाय से लाखों की कमाई कर रहे हैं। ‘डेयरी के सुल्तान’ सीरीज में हम आपको देश के अलग-अलग राज्य में इसी तरह डेयरी फार्मिंग के जरिए मिसाल कायम करने वाले सफल कारोबारियों से रूबरू कराते हैं। लेकिन आज हम जिस युवा को आपसे मिलवाने जा रहे हैं उसकी सफलता की कहानी दूसरों से अलग है। ये कहानी है राजस्थान के जोधपुर के फलौदी कस्बे के युवा डेयरी फार्मर आशीष पुरोहित की। आशीष ने रेगिस्तान में जहां गर्मियों में तापमान 48 डिग्री सेंटीग्रेट से ऊपर पहुंच जाता है वहां ठंडे देशों की हॉलिस्टियन फ्रीशियन गाय की नस्ल को पाल कर ना सिर्फ मिसाल कायम की है, बल्कि रोजाना सैकड़ों लीटर दूध का उत्पादन भी कर रहे हैं। इतना ही नहीं आशीष एचएफ गाय की ऐसी ब्रीड तैयार करने में लगे हैं जो भीषण गर्मी में आसानी से रह सके और रोजना 25 लीटर तक दूध भी दे। तो तसल्ली से पढ़िए पश्चिमी राजस्थान के ‘डेयरी के सुल्तान’ आशीष पुरोहित की सफलता की कहानी।

2010 में पिता के साथ मिलकर शुरू किया डेयरी फार्म


जोधपुर जिले के छोटे से कस्बे फलौदी में रहने वाले 25 वर्षीय आशीष पुरोहित जब ग्रेजुएशन में पढ़ते थे तो अपने पिता के साथ थोक में सब्जी बेचने के पारिवारिक बिजनेस में हाथ बंटाते थे। लेकिन ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने अपने दम कर कुछ करने की ठानी और डेयरी फार्मिंग के क्षेत्र में किस्मत आजमाने का फैसला किया। आशीष ने अपने पिता के सहयोग से 2010 में 10 एचएफ गायों के साथ फलौदी कस्बे के पास स्थित अपने गांव बाखड़िया में स्थित जमीन पर लालजी डेयरी फार्म शुरु किया। एक साल तक डेयरी फार्म चलाने के बाद जब उन्हें तजुर्बा हो गया तो उन्होंने 2011 में फार्म अपने हाथ में ले लिया और फिर धीरे-धीरे डेयरी फार्म को बढ़ाने में लग गए। आशीष के मुताबिक जब उन्होंने डेयरी फार्मिंग शुरू की थी तब उनकी उम्र 18 साल थी। एक साल में ही आशीष ने गायों की संख्या बढ़ाकर 40 कर दी और जो भी दूध का उत्पादन होता था उसे शहर के होटल और रेस्टोरेंट वालों को बेच देते थे।

आज आशीष के डेयरी फार्म में हैं 70 एचएफ गाय


आशीष पुरोहित अपने जुनून और मेहनत के बल पर गायों की संख्या बढ़ाते रहे, दो साल के भीतर ही उन्होंने गायों की संख्या 10 से चालीस और फिर 40 से 100 पहुंचा दी। लेकिन उसके बाद उन्होंने गायों की ब्रीडिंग और नस्ल सुधारने पर काम भी शुरू किया। और उसी का नतीजा है आज आशीष के लालजी डेयरी फार्म में अच्छी नस्ल की 70 एचएफ गाय हैं, सबसे बड़ी बात ये है कि इनमें से 46 गाय वो हैं जो इन्हीं के फार्म में पैदा हुई हैं। इसी के साथ इस वक्त आशीष के डेयरी फार्म में 50 एचएफ बछड़ी हैं और वो भी जल्द बड़ी हो जाएंगी और दूध देने के काबिल होंगी।

आधुनिक डेयरी फार्म में गायों के लिए हर सुविधा मौजूद


बाखड़िया गांव में बने अपने डेयरी फार्म में आशीष पुरोहित ने तमाम सुविधाएं जुटा रखी हैं। गायों के लिए के अत्याधुनिक 80 X 60 वर्ग फीट का शेड है, जहां ठंडक के लिए फॉगर सिस्टम और वेंटिलेशन फैन लगे हुए हैं। इसके अलावा डेयरी फार्म में करीब दो बीघा का खुला मैदान है, जिसमें गायों को चरने और घूमने के लिए छोड़ दिया जाता है। फार्म में चार छोटे-छोटे शेड भी बने हुए हैं जहां बछड़ियों, बीमार गायों और ग्याबिन गायों को बांधा जाता है।

गायों के लिए पौष्टिक चारे का इंतजाम


आशीष ने डेयरी टुडे से बातचीत में बताया की अत्यधिक गर्मी का माहौल होने की वजह से यहां हरे चारे की समस्या है। इसके लिए वो बाहर से साइलेज मंगाते हैं और गायों को ब्रांडेड कंपनियों का पशु आहार खिलाया जाता है। इसके साथ ही गायों को मिनरल मिक्सर, नमक, मीठा सोडा, सेंधा नमक और विटामिन भी उचित मात्रा में चारे के साथ खिलाया जाता है।

सर्दियों में 800 लीटर तक रोजाना होता है दुग्ध उत्पादन


आशीष पुरोहित की बेहतरीन देखभाल और पौष्टिक आहार खिलाने का ही नतीजा है कि इनके फार्म में गायें काफी तंदरुस्त हैं और भरपूर दूध देती हैं। आशीष के मुताबिक उनके पास 25 लीटर प्रतिदिन दूध देने वाली गाय भी हैं। हालांकि पहले उनके पास रोजना 44 और 48 लीटर तक दूध देने वाली गायें भी थीं और उनकी कई गायें जोधपुर में जिला चैंपियन भी रह चुकी हैं। आशीष का कहना है कि गर्मियों में उनके फार्म में औसतन रोजाना 550 लीटर प्रतिदिन तक दूध होता है, वहीं सर्दियों में ये बढ़कर 800 लीटर प्रतिदन तक पहुंच जाता है। दूध दुहने के लिए आशीष ने अपने फार्म पर मिल्किंग पार्रल लगाया है, जिसके जरिए एक बार में कई गायों का दूध बगैर हाथ लगाए निकाला जाता है।

सबसे बड़ी बात ये है कि फलौदी में आशीष पुरोहित के बड़े भाई विशाल पुरोहित की दूध और पनीर की दुकान है और इनके फार्म का सारा दूध इसी दुकान के काउंटर से सेल हो जाता है। 45 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से दूध बेचा जाता है और इनके लालजी डेयरी फार्म के शुद्ध दूध की डिमांड हमेशा बनी रहती है। कुछ दूध का ये पनीर भी बनाते हैं और इसे 360 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से बेचा जाता है। यानी औसत निकाला जाए दो रोजाना करीब 28 हजार और महीने में 8.5 लाख से 9 लाख रुपये की बीच दूध की बिक्री होती है। आशीष के मुताबिक उनके फार्म पर हर महीने करीब 6 लाख रुपये का खर्चा है और ऐसे देखा जाए तो 2.5 लाख रुपये हर महीने बच जाते हैं।

भीषण गर्मी में गायों को पालना एक चुनौती


ऐसा नहीं ही कि डेयरी फार्म के संचालन में आशीष को कोई परेशानी नहीं है। सबसे बड़ी परेशानी तो गर्मी की है। जोधपुर में गर्मी बहुत पड़ती है, गर्मियों में तो तापमान 48 डिग्री के पार पहुंच जाता है, ऐसे में गायों को ठंडक देना और उनकी देखभाल करना बेहद चुनौतीपूर्ण है। हालांकि गायों की रोजमर्रा की बीमारियों के बारे में आशीष को खासी जानकारी है लेकिन फिर भी उन्होंने पशुचिकित्सक डॉ.भागीरथ सोनी को नियुक्त किया है, जो रोजाना सभी गायों की जांच करते हैं। यहां एक और बड़ी परेशानी मजदूरों की है। हालांकि इनके फार्म में सिर्फ चार मजदूर हैं और ज्यादातर काम मशीन से ही होता है। लेकिन फिर भी कुशल मजदूरों की हमेशा किल्लत रहती है।

ब्रीडिंग के जरिए माहौल के अनुकूल नस्ल तैयार करने में लगे


आशीष को अब डेयरी फार्मिंग और गायों की नस्ल का खासा तजुर्बा हो गया है, और वे अब सारा ध्यान एचएफ गायों की नस्ल को पश्चिमी राजस्थान के गर्म माहौल के मुताबिक तैयार करने में लगे हैं। इसके लिए आशीष लगातार काम कर रहे हैं। आशीष का कहना है कि उनकी कोशिश एचएफ गाय की ऐसी नस्ल तैयार करने की है जो 48 डिग्री का तापमान झेल सके और 20 से 25 लीटर प्रतिदिन का दूध भी दे। आशीष अपने फार्म की गायों को बेच भी देते हैं, अभी हाल ही में उन्होंने 12 गायों को बेचा है।

आशीष का कहना है कि उनकी कोशिश है कि बाडमेर, जैसलमेर, जौधपुर और पश्चिमी राजस्थान के दूसरे जिलों के लोगों को एचएफ गायों के लिए कहीं जाना नहीं पड़े और उन्हें अच्छी नस्ल की गायें यहीं मिल जाएं। डेयरी फार्मिंग के अपने काम से काफी खुश आशीष का कहना है कि जो युवा इस पेशे में आना चाहते हैं वो जरूर आएं लेकिन उनमें डेयरी फार्मिंग और पशुपालन को लेकर जुनून और जीतोड़ मेहनत करने का जज्बा होना चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो फिर उन्हें सुकून भी मिलेगा और अच्छी कमाई भी होगी।

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