देशभर में फैले सेना के 39 डेयरी फार्म बंद करने के आदेश

डेयरी टुडे नेटवर्क

मेरठ/जालंधर, 4 आगस्त 2017

अंग्रेजों के समय से देशभर में चल रहे सेना के 128 साल पुराने डेयरी फार्मों को अब बंद कर दिया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने अब ने इन डेयरी फार्मों को बंद करने का फरमान सुनाया है। अगले कुछ महीनों में देशभर में सेना की तरफ से संचालत 39 डेयरी फार्मों को बंद कर दिया जाएगा। रक्षा मंत्रालय के इस आदेश से जहां अधिकारियों में घबराहट है, वहीं डेयरी में काम कर रहे कर्मचारियों में भी मोदी सरकार के खिलाफ गहरा रोष है देश में सेना की कुल 39 डेयरी फार्मों में करीब 50 हजार गायें हैं। इनमें से रोजाना दो लाख लीटर दूध निकाला जाता है। यह सारा दूध सेना के जवानों व अधिकारियों तक पहुंचाया जाता है। इन डेयरी फार्मों में करीब 15 हजार स्थाई और पांच हजार अस्थाई कर्मचारी काम करते हैं। ये कर्मचारी गायों की देखभाल के साथ ही सेना की पड़ी खेती की जमीनों पर चारा आदि उगाकर खेती भी करते हैं।

सरकार के आदेश के सेना के अधिकारी सकते में

 

सरकार के  फैसले से नीचे से लेकर ऊपर तक के सेना के अधिकारी सकते में तो हैं, परंतु सरकारी फरमान आने पर खुलकर विरोध नहीं कर रहे। हालांकि दबी जुबान में इस फैसले के खिलाफ लड़ाई लड़ने की योजना अवश्य बना रहे हैं। सरकार चाहती है कि सेना के लिए मिलने वाला दूध अब सहकारी कंपनी से ही खरीदे, ताकि खर्चे को घटाया जा सके।

मेरठ छावनी के फार्म में रोजाना 6 हजार लीटर दूध का उत्पादन

 

मेरठ छावनी में मवाना रोड स्थित मिलिट्री के डेयरी फार्म को बंद करने के आदेश जारी होने के बाद यहां कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। मेरठ छावनी के मिलिट्री फार्म की स्थापना वर्ष 1908 में हुई थी। इस फार्म में करीब 1500 गायें हैं, जिनमें से 600 से अधिक दूध दे रही हैं। इस फार्म में हर गर्मियों के समय हर दिन करीब साढ़े छह हजार और सर्दियों में सात हजार लीटर तक दूध का उत्पादन होता है। मेरठ छावनी स्थित सेना की बटालियनों को इसी फार्म से शुद्ध दूध जाता है जो इसके बंद होने के बाद नहीं मिलेगा। साल भर में इस फार्म से करीब 80 हजार लीटर दूध का उत्पादन होता है। इसके साथ ही भारी मात्रा में चारा का उत्पादन होता है जो प्रदेश के विभिन्न हिस्सों तक जाता है।

सेना के फार्मों में मौजूद 50 हजार गायों का क्या होगा?

 

बताया जा रहा के रक्षा मंत्रालय के डेयरी फार्म बंद करने के आदेश के बाद देशभर में सेना के डेयरी फार्मों में मौजूद करीब 50 हजार गायों को सुरक्षित जगह पहुंचाने की कवायद भी की जा रही है। सेना के अधिकारी ने बताया कि उन्होंने कई गौशालाओं और निजी डेयरी वालों को पत्र लिखा है लेकिन कोई भी गायों को ले जाने को तैयार नहीं है। वहीं गोसंवर्धन और गोसंरक्षण  के लिए काम करने वाले संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया है। इनका कहना है कि मिलिट्री के डेयरी फार्मों को बंद करने के आदेश से साफ हो गया है कि केंद्र सरकार गायों के संरक्षण का सिर्फ दिखावा कर रही है।

 

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