दो लाख परिवारों को दुग्ध उत्पादन से जोड़ेगी हरियाणा सरकार, 5 हजार ‘वीटा’ मिल्क बूथ खोलने की भी तैयारी

डेयरी टुडे नेटवर्क,
चंडीगढ़, 21 अक्टूबर 2021,

हरियाणा सरकार ने राज्य में पशुपालन को प्रोत्साहित करने के साथ ही दुग्ध क्रांति को बढ़ावा देने का फैसला किया है। इसके लिए राज्य में दो लाख नए परिवारों को पशुपालन से जोड़ते हुए उन्हें दूध का कारोबार करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने पशुधन बीमा के लिए अपनी अलग कंपनी बनाने का भी फैसला किया है। इसके साथ ही सरकार पांच हजार नए वीटा के बूथ खोलेगी, जिन पर दुग्ध उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को भाजपा सहकारिता, पशुपालन व डेयरी प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों के साथ संवाद के दौरान यह घोषणाएं की। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ भी इस संवाद में शामिल हुए। मनोहर लाल ने कहा है कि सहकारिता तथा पशुपालन एवं डेयरी एक-दूसरे के पूरक हैं। देश व पूरी दुनिया में सहकारिता को एक प्रोजेक्ट न मान कर इसे सामूहिक रूप से काम करने की कार्यपद्धति, शैली व आंदोलन माना गया है। पिछले सात वर्षों के दौरान सरकार ने राज्य में दुग्ध उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है, जिसके फलस्वरूप प्रति व्यक्ति प्रतिदिन दूध की उपलब्धता 1142 ग्राम हो गई है, जो वर्ष 2014 में 740 ग्राम थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि जोत छोटी हो रही है, इसलिए पशुपालन एवं अन्य संबद्ध व्यवसायों को कृषि के साथ जोड़कर किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकता। युवाओं को दुग्ध व्यवसाय से जोड़ने के लिए पांच हजार नए वीटा बूथ खोलने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। दो लाख परिवारों को दुग्ध व्यवसाय से जोड़ा जाएगा। पशुधन बीमा योजना बीमा कंपनियों पर निर्भर न रहकर सरकार अपने स्तर पर एक ट्रस्ट बनाएगी, जिसके तहत पशुधन का बीमा किया जाएगा। इससे युवाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र सरकार की एक अनूठी योजना है। परिवार पहचान पत्र पर 10 लाख ऐसे लोगों को पंजीकरण करवाया जिनको रोजगार चाहिए। प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) की कार्यप्रणाली पर उठाए गए मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने सहकारिता विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि पैक्स मुख्यालय गांव से 10 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर नहीं होना चाहिए।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि छोटे किसानों की समृद्धता सहकारिता के माध्यम से सम्भव है। किसान उत्पादक समूह (एफपीओ) इसका एक बड़ा रास्ता है। किसानों को बाजार को पहचाना होगा और अपने उत्पादों की ब्रांडिंग करके बाजार की चाटुकारिता को समझना होगा और अपने उत्पाद बेचने के लिए स्वयं आगे आना होगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव अजय गौड, पूर्व चेयरमैन जीएल शर्मा, सहकारिता प्रकोष्ठ के संयोजक हुकम सिंह भाटी, पशुपालन एवं डेयरी प्रकोष्ठ के डा. जीएस जाखड़ के अलावा दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
(साभार- दैनिक जागरण)

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