कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने मोतिहारी में मदर डेयरी के पहले संयंत्र की आधारशिला रखी

डेयरी टुडे नेटवर्क,
मोतिहारी(बिहार), 13 फरवरी 2018,

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने मंगलवार को बिहार में पूर्वी चंपारण जिले के मठ बनवारी में बनने वाली मदर डेयरी प्रोसेसिंग एण्ड पैकिंग यूनिट का शिलान्यास किया। मदर डेयरी फूड एंड वेजिटेबल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजीव खन्ना ने बताया कि यह यूनिट 11 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि 4.5 एकड़ भूमि पर बनायी जाने वाली यह यूनिट इस वर्ष के अंत तक शुरू हो जायेगी।

11 हजार दूग्ध उत्पादक जुड़े

मदर डेयरी फूड एंड वेजिटेबल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजीव खन्ना ने बताया कि मदर डेयरी बापू धाम दूध उत्पादन कंपनी से जुड़ी है। वर्तमान में इससे 11 हजार दुग्ध उत्पादक जुड़े हैं। 246 गांवों से प्रतिदिन 30 हजार लीटर दूध एकत्र किया जाता है, जबकि लक्ष्य डेढ़ लाख लीटर दूध प्रतिदिन एकत्र करने का है। उन्होंने कहा कि यूनिट में रोजाना एक लाख लीटर दूध की प्रोसेसिंग की जायेगी और 20 हजार लीटर दूध की पैकिंग प्रतिदिन की जायेगी। उच्च गुणवत्ता वाले दूध एवं इससे जुड़े अन्य उत्पाद की खपत यहां होगी तथा देश के अन्य शहरों में भेजा जायेगा। अभी इस यूनिट से पूर्वी और पश्चिमी चंपारण और गोपालगंज तीन जिलों के किसानों को जोड़ा गया है। बाद में अन्य जिलों को शामिल किया जायेगा।

विश्व में नंबर एक है भारत-कृषि मंत्री

कृषि मंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि भारत एक ऐसे मुकाम पर पहुंच गया है कि वह अब अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर भी उद्यमियों को बड़ी संख्‍या में अवसर प्रदान करने लगा है। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा की गई विभिन्‍न पहलों से ही डेयरी क्षेत्र में उल्‍लेखनीय विकास संभव हो पाया है। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने दुधारू पशुओं की उत्‍पादकता बढ़ाने के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित की हैं। श्री सिंह ने कहा कि भारत दूध का प्रमुख उत्‍पादक है और वह पिछले दो दशकों से वैश्विक स्‍तर पर नंबर वन पायदान पर विराजमान है। दूध उत्‍पादन साठ के दशक के लगभग 17-22 मिलियन टन से बढ़कर वर्ष 2016-17 में 165.4 मिलियन टन के उच्चतम स्‍तर पर पहुंच गया है। वर्ष 2013-14 के मुकाबले वर्ष 2016-17 में दूध उत्‍पादन में 20.12 प्रतिशत की उल्‍लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। 2016-17 के दौरान प्रति व्‍यक्ति दुग्‍ध उपलब्‍धता में 15.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य

श्री सिंह ने कहा आगे कहा कि कृषि मंत्री ने कहा कि विशेषकर भूमिहीन और सीमांत किसानों के लिए डेयरी उद्योग आजीविका के साधन और खाद्य सुरक्षा के रूप में विकसित हुआ है। लगभग 8 करोड़ किसान डेयरी व्‍यापार से जुड़े हुए हैं और ये कुल दुधारू पशुओं के 80 प्रतिशत का पालन-पोषण करते हैं। पशुपालन, डेयरी और मत्‍स्‍य पालन विभाग ने कई योजनाएं प्रारंभ की हैं, जिनका उद्देश्‍य डेयरी उद्योग से जुड़े किसानों की आय को दोगुना करना है। भारत के 75वें स्‍वतंत्रता दिवस (2022) के अवसर पर किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री के लक्ष्‍य को ध्‍यान में रखते हुए इन योजनाओं को लागू किया गया है। डेयरी उद्योग से जुड़े किसानों की आय दोगुनी करने के लिए दो तरीके अपनाये जा सकते हैं- पहला, उत्‍पादकता बढ़ाकर दुग्‍ध उत्‍पादन में वृद्धि और दूसरा, दूध की प्रति किलोग्राम कीमत बढ़ाकर।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन से सुधर रही पशुओं की नस्ल

श्री सिंह ने कहा कि दुधारू पशुओं की देसी नस्‍लों के संरक्षण और विकास के लिए दिसंबर 2014 में पहली बार देश में राष्‍ट्रीय गोकुल मिशन शुरू किया गया। इस योजना के तहत 28 राज्‍यों से प्राप्‍त प्रस्‍तावों के लिए 1350 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इसमें से 503 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि गोकुल ग्राम की स्‍थापना राष्‍ट्रीय गोकुल मिशन का एक प्रमुख हिस्‍सा है। उन्‍होंने कहा कि गोकुल ग्राम दुधारू पशुओं की देसी नस्‍लों के विकास में मुख्‍य भूमिका निभाएंगे। इन केन्‍द्रों में विकसित किए गए देसी नस्‍ल के पशु किसानों को पशु प्रजनन के लिए उपलब्‍ध कराए जाएंगे। देश में इस समय 12 अलग-अलग राज्‍यों में 18 गोकुल ग्राम स्‍थापित किए जा रहे हैं। इसके अलावा सरकार ने आंध्र प्रदेश में नेल्‍लौर के चिंतालादेवी में तथा मध्‍य प्रदेश में होशंगाबाद के इटासी में देसी नस्‍ल के दुधारू पशुओं के संरक्षण और विकास के लिए दो प्रजनन केन्‍द्र बना रही है। इसमें से चिंतालादेवी केन्‍द्र का काम पूरा हो चुका है। इन केन्‍द्रों को राष्‍ट्रीय कामधेनु प्रजनन केन्‍द्र का नाम दिया गया है। नई योजना के तहत गायों की 41 और भैंसो की 13 प्रजातियों को संरक्षित किया जाएगा।

केन्‍द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि दुधारू पशुओं की प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए नवम्‍बर 2016 में 825 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ राष्‍ट्रीय गोकुल मिशन के तहत राष्‍ट्रीय पशु उत्‍पादकता मिशन की शुरूआत की गई। इसका उद्देश्‍य देश में दुग्‍ध उत्‍पादन में बढ़ोतरी के साथ इस व्‍यवसाय को ज्‍यादा लाभकारी बनाना है। इस बीच, पशु संजीवन के तहत देश में विशिष्‍ट पहचान पत्र के जरिए 9 करोड़ दुधारू पशुओं की पहचान की जा रही है। सरकार ने इस योजना के लिए धन आवंटित कर दिया है। इस योजना के तहत सभी पशुओं को नकुल स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड जारी करने की भी व्‍यवस्‍था की गई है।

शिलान्यास के मौके पर बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार, मदर डेयरी के एमडी संजीव खन्ना, विधायक सचिन्द्र सिंह, श्यामबाबू यादव, एमएलसी बबलू गुप्ता, राजेन्द्र गुप्ता, भूमिदाता हरेन्द्र किशोर सिंह समेत तमाम लोग मौजूद थे।

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