शर्मनाक! कोरोना संकट का फायदा उठाकर पशुपालकों को लूटने में लगी Dairy कंपनियां

डेयरी टुडे नेटवर्क,
मुजफ्फरनगर/बिजनौर, 30 मार्च 2020,

जिन पशुपालकों और डेयरी किसानों की मेहनत के बल पर भारत दुग्ध उत्पादन में दुनिया का नंबर एक देश बना है, जिन डेयरी फार्मर्स की दम पर देश की तमाम डेयरी कंपनियां करोड़ों-अरबों रुपये कमा रही हैं, आज जब कोरोना का संकट आया है तो इनकी मदद करने के बजाए डेयरी कंपनियां उन्हों लूटने में लग गई है। उत्तर प्रदेश हो, हरियाणा हो, मध्य प्रदेश हो, बिहार हो या राजस्थान, पंजाब और देश के दूसरे राज्य, सभी जगहों पर डेयरी कंपनियों ने दूध खरीद के रेट 10 से 20 रुपये तक घटा दिए हैं। लेकिन आम जनता को बेचे जाने वाले दूध में एक रुपये की भी कमी नहीं की है। ये बहुत ही शर्मनाक है कि मौके का फायदा उठाकर डेयरी कंपनियां अपनी तिजोरी भरने में लगी हैं।

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दुग्ध उत्पादन के गढ़ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछले एक हफ्ते से बहुत बुरा हाल है। मुजफ्फरनगर जिले में दूध की खरीद करने वाली एक निजी कंपनी ने दस दिन के भीतर दूध खरीद के दाम 50 प्रतिशत तक कम कर दिए हैं। दूध खरीद के दाम तो कर दिए लेकिन बिक्री के दाम कम नहीं किए हैं। वैसे भी दूध की आपूर्ति आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत आती है और इसकी सप्लाई बंद नहीं है। ऐसे में दूध की कीमतों के गिरने से दूध के कार्य से जुड़े लोगों को भारी नुकसान हो रहा है। साथ ही प्लांट बंद होने से आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है।

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कोरोना वायरस के चलते देशभर में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद 24 मार्च को आधी रात से लॉकडाउन किया गया था। दूध कारोबारियों के अनुसार निजी सेक्टर की एक कंपनी ने जनता कर्फ्यू की घोषणा होने के बाद पिछले दस दिन के भीतर दूध कारोबारियों व डेयरी संचालकों से की जाने वाली दूध खरीद के दाम प्रति लीटर लगभग 50 प्रतिशत तक की भारी-भरकम कटौती कर दी है। इसके चलते जिले में दूध कारोबार की लगभग कमर टूट चुकी है। हालत यह है कि19 मार्च 46 रुपये (65 फैट) प्रति लीटर की कीमत वाले दूध की कीमतें 29 मार्च आते-आते महज 23 रुपये (65 फैट) प्रति लीटर रह गईं हैं। इसके चलते जदूध कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

मुजफ्फरनगर में इस तरह कम किए गए दूध खरीद के दाम

– 19 मार्च, 46 रुपये (65 फैट) प्रति लीटर
– 21 मार्च, 41 रुपये (65 फैट) प्रति लीटर
– 22 मार्च, 38 रुपये (65 फैट) प्रति लीटर
– 27 मार्च, 23 रुपये (65 फैट) प्रति लीटर

सप्रेटा (बिना क्रीम का दूध)

19 मार्च, 25 रुपये (36 ग्रेविटी) प्रति लीटर
27 मार्च, 08 रुपये (36 ग्रेविटी) प्रति लीटर

ग्रामीण सेंटर से लिया जाने वाला दूध

– 19 मार्च, 48 रुपये प्रति लीटर
– 27 मार्च, 36 रुपये प्रति लीटर

23 रुपये लीटर दूध की खरीद और बिक्री 58 रुपये लीटर

दूधियों व डेयरी संचालकों से खरीदे जाने वाले दूध के दाम लगभग आधे तक गिराकर निजी कंपनी अपने पॉली पैक दूध को 58 रुपये प्रति लीटर पर बेच रही है। यानि दूधिया व डेयरी संचालकों से जो दूध कंपनी द्वारा 23 रुपये प्रति लीटर खरीदा जा रहा है, वही दूध पॉली पैक में कंपनी द्वारा खुले मार्केट में आज भी 58 रुपये प्रति लीटर की ऊंची दर पर बेचा जा रहा है।

बिजनौर में डेयरियों ने बंद किया किसानों से दूध लेना

लॉकडाउन ने दुग्ध उत्पादन करने वाले किसानों की कमर तोड़ दी है। बिजनौर में तो डेयरियों ने किसानों से दूध उठाना बंद कर दिया है। मजबूरन किसान अपने पशुओं को ही दूध पिला रहे हैं। जिन किसानों से थोड़ा बहुत दूध खरीद भी रहे हैं, उनके दामों में भारी कटौती की गई है। लॉकडाउन से पहले और बाद में भी किसानों को अच्छे रेट मिल रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पराग डेरी किसानों से 37, मदर डेरी 45 व गोपालजी 36 रुपये प्रति लीटर पर दूध खरीद रही थी। लेकिन लॉकडाउन के चलते डेयरियों के प्लांट में दूध पहुंचाने में दिक्कत आने लगी। बाजार भी बंद होने से व्यवसाय पर फर्क पड़ा। इससे पराग डेयरी ने दूूध के दाम 35, मदर डेरी ने 39 व गोपालजी ने 35 रुपये प्रति लीटर कर दिए हैं। दूध के दाम दो से 11 रुपये प्रति लीटर तक घटा दिए। अब डेयरियों के प्लांट भी बंद हो गए हैं। तीन दिन से तो डेयरियां किसानों से दूध भी नहीं उठा रही हैं।

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बिजनौर के गांव बसेड़ी निवासी राजवीर सिंह के पास 30 गाय हैं। वे मदर डेयरी को दूध देते थे। डेयरी के दूध न उठाने से वे परेशान हैं। उनके पास हर रोज चार 400 लीटर दूध होता है। अब वे अपने पड़ोसियों को दूध दे रहे हैं। जो दूध बचता है उसे पशुओं को ही पिला देते हैं। दूध बिक नहीं रहा है लेकिन फिर भी पशुओं को पशु आहार देना पड़ रहा है। हालांकि पराग के स्थानीय इकाई प्रभारी जेपी वाजपेयी के अनुसार प्लांट बंद होने से ऐसा किया गया है। सोमवार या मंगलवार से किसानों से फिर से दूध लेना शुरू कर देंगे।

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