डेयरी विकास के साथ देसी गाय की थारपारकर नस्ल को बढ़ावा देने की जरूरत : अजय सिंह किलक

डेयरी टुडे नेटवर्क,
बाड़मेर, 9 नवंबर 2017,

बड़मेर जिले में डेयरी विकास की काफी संभावना है। इस दिशा में वृहद स्तर पर कार्य करने की जरूरत है। बेरोजगार युवाआें को डेयरी से जोड़ने के लिए थारपारकर नस्ल के संवर्धन के लिए प्रयास किए जाएं। राजस्थान के सहकारिता एवं गोपालन विभाग मंत्री अजयसिंह किलक ने बुधवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर सहकारिता विभाग के अधिकारियों की बैठक के दौरान यह बात कही।

सभी जिलों में गो नस्ल विकास केंद्र खोलने पर विचार

इस अवसर पर किलक ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोगाें को उनकी जरूरत के मुताबिक ऋण उपलब्ध करवाया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सहकारी संस्थाओं में योग्य कर्मचारियों की भर्ती की कार्रवाई शुरू करने, सहकारी संस्थाओं के संरचनात्मक विकास के लिए जिला स्तर पर कोष बनाने एवं प्रत्येक जिला स्तर पर स्थानीय उन्नत किस्म का गौ नस्ल विकास केन्द्र खोलने पर विचार कर रहा है। समीक्षा बैठक के दौरान किलक ने जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ को घाटे से उबारकर नई व्यावसायिक योजना तैयार कर उपभोक्ता भंडार एवं क्रय विक्रय सहकारी समिति से अनुबंध कर सदस्याें एवं किसानाें को व्यापक सुविधाएं मुहैया कराने तथा उपभोक्ता होलसेल भंडार एवं क्रय विक्रय सहकारी समितियाें के माध्यम से उपभोक्ताआें को सस्ती एवं गुणवत्ता वाली वस्तुएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। किलक ने कहा कि कि प्रदेश में राज्य सरकार की ओर से दुग्ध उत्पादन के लिए 5 लाख का दुर्घटना बीमा दिया जा रहा है।

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