डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 1 दिसंबर 2021,
गुजरात के पालीताना के रहने वाले मेहुल सुतारिया अपने पिता के साथ मिलकर डेयरी फार्मिंग करते हैं। वे गाय के दूध से घी और मिठाइयां बनाकर देशभर में ऑनलाइन मार्केटिंग करते हैं। उन्होंने एक गोशाला भी बनाई है, जिसमें 72 गिर नस्ल की गाय हैं। इस साल गुजरात सरकार की तरफ से उन्हें सर्वश्रेष्ठ पशुपालक का पुरस्कार भी मिला है। फिलहाल उनका टर्नओवर 2 करोड़ रुपए है। 32 साल के युवा डेयरी किसान मेहुल ने MBA की पढ़ाई की है। करीब 8 साल तक उन्होंने अलग-अलग कंपनियों में काम किया है। मार्केटिंग के फील्ड में उनका अच्छा-खासा अनुभव है। जबकि उनके पिता डायमंड व्यापारी रहे हैं।
मेहुल कहते हैं कि डेयरी फार्मिंग की शुरुआत हमने बिजनेस के मकसद से नहीं की थी। पिता जी को गाय पालने का शौक था। अपने बिजनेस के चलते वे इस काम को नहीं कर पाए थे। जब उन्होंने अपने बिजनेस से रिटायरमेंट लिया तो गाय पालना की इच्छा जाहिर की। मैंने भी उनका सपोर्ट किया। शुरुआत में हमने दो-तीन गाय पालीं और खुद की जरूरत के लिए दूध-घी का इस्तेमाल करने लगे। इस दौरान मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला और मेरी भी दिलचस्पी बढ़ती गई।
मेहुल बताते हैं कि आजकल दूध के सही प्रोडक्ट आसानी से नहीं मिलते हैं। ज्यादातर प्रोडक्ट में मिलावट होती है। मुझे लगा कि लोगों को सही प्रोडक्ट की दरकार है। अगर हम इस काम को प्रोफेशनल लेवल पर करें तो अच्छा कर सकते हैं। लोगों को हम बेहतर प्रोडक्ट उपलब्ध कराने के साथ ही खुद भी अच्छी कमाई कर सकते हैं।
इसके बाद मेहुल ने अपनी नौकरी छोड़ दी और डेयरी फार्मिंग को लेकर रिसर्च करना शुरू कर दिया। कुछ महीने की रिसर्च और अलग-अलग जगहों पर घूमने के बाद उन्होंने साल 2018 में हरिबा डेयरी फार्म नाम से अपने स्टार्टअप की शुरुआत की। उनके पास पहले से कुछ गायें थीं और फिर एक-एक करके उन्होंने गायों की संख्या बढ़ा दी। इसके बाद पिता-पुत्र की जोड़ी ने गुढ़ाना गांव में एक गौशाला खोली। करीब 30 बीघे जमीन में इसका कैंपस तैयार किया। गायों को रखने के लिए सीमेंट की बजाय मिट्टी से घर तैयार किया। फिलहाल उनके पास 72 गिर नस्ल की गायें हैं। जिनसे हर महीने 600-700 लीटर तक दूध निकलता है।
मेहुल बताते हैं कि घर-घर जाकर दूध बेचना काफी मुश्किल टास्क है। साथ ही इसमें बड़े लेवल पर मैनपावर की जरूरत भी होती है। काफी रिसर्च और मार्केट एनालिसिस के बाद मैंने तय किया कि हम दूध बेचने के बजाय इससे प्रोडक्ट तैयार करके मार्केट में सप्लाई करेंगे। इससे घूम-घूम दूध बांटने से भी छुटकारा मिलेगा और प्रोडक्ट की कीमत भी बढ़ जाएगी। इसके बाद उन्होंने दूध से घी बनाकर ऑनलाइन बेचना शुरू किया। इसका अच्छा रिस्पॉन्स भी मिला। जल्द ही उनके पास देश के अलग-अलग हिस्सों से ऑर्डर आने लगे। फिर उन्होंने अपने प्रोडक्ट की संख्या बढ़ा दी। वे ड्राय फ्रूट, मोहन थाल, अड़दिया पाक सहित कई प्रोडक्ट तैयार करने लगे। ये सभी गुजरात के ट्रेडिशनल प्रोडक्ट हैं और इनकी काफी अच्छी डिमांड भी है।
मेहुल कहते हैं कि मुझे मार्केटिंग का अच्छा खासा अनुभव रहा है। इसलिए हमने शुरुआत से ही सोशल मीडिया और ऑनलाइन मार्केटिंग पर फोकस किया। अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर अपने एकाउंट क्रिएट किए और उसके जरिए पोस्ट करना शुरू किया। इसके बाद हमने गूगल पर पेड ऐड रन करना शुरू किया। इस वजह से हमारा प्रोडक्ट सर्च लिस्ट में आने लगा। अभी हमारे सभी प्रोडक्ट की अच्छी डिमांड है। फेस्टिवल सीजन में डिमांड और अधिक हो जाती है।
फिलहाल हम अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से हर महीने 600 किलो से ज्यादा घी सेल कर रहे हैं। अगर ड्राय फ्रूट की बात करें तो हर दिन 100 किलो हम बेच रहे हैं, जबकि अड़दिया पाक पिछले सीजन में 1 हजार किलो बिका था। इस बार हर दिन 100 किलो सेल का हमारा टारगेट है। इसके साथ ही मेहुल ने करीब 20 लोगों को रोजगार भी दिया है।
अगर आपका बजट कम है या आप रिस्क नहीं लेना चाहते हैं तो आप दो से चार पशुओं के साथ अपनी डेयरी शुरू कर सकते हैं। आगे धीरे-धीरे आप जरूरत के हिसाब से पशुओं की संख्या बढ़ा सकते हैं। इसमें दो से तीन लाख रुपए का खर्च आ सकता है, लेकिन अगर आप कॉमर्शियल लेवल पर इसे शुरू करना चाहते हैं तो कम से कम 10 से 15 लाख रुपए के बजट की जरूरत होगी। इसके साथ ही अगर आप दूध के साथ उसकी प्रोसेसिंग भी करना चाहते हैं तो बजट ज्यादा बढ़ जाएगा। प्रोसेसिंग प्लांट सेटअप करने में एक करोड़ रुपए तक खर्च हो सकते हैं। बेहतर होगा कि धीरे-धीरे बिजनेस को आगे बढ़ाएं।
डेयरी स्टार्टअप के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार से आर्थिक मदद मिलती है। 10 पशुओं तक के स्टार्टअप के लिए आप 10 लाख रुपए का लोन ले सकते हैं। यह लोन आप किसी सहकारी बैंक या SBI से ले सकते हैं। इस लोन पर NABARD की तरफ से 25% सब्सिडी भी मिलती है। और अगर आप आरक्षित वर्ग से ताल्लुक रखते हैं तो 33% तक सब्सिडी ले सकते हैं।
सब्सिडी और लोन के लिए अप्लाई करने का तरीका भी बहुत आसान है। इसके लिए आधार कार्ड, बैंक खाता, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र का होना जरूरी है। साथ ही आपको अपने स्टार्टअप को लेकर एक प्रोजेक्ट भी तैयार करना होगा। जिसमें आपके बिजनेस मॉडल की जानकारी मेंशन होनी चाहिए। इसके लिए आप किसी प्रोफेशनल की मदद ले सकते हैं या नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र भी जा सकते हैं। इसके साथ ही राज्य स्तर पर भी डेयरी फार्मिंग को लेकर लोन और सब्सिडी मिलती है। अलग-अलग राज्यों में स्कीम थोड़ी बहुत अलग हो सकती है। इसकी जानकारी भी आप नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से ले सकते हैं।
(साभार- दैनिक भास्कर)
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