उत्तर प्रदेश के आलू किसानों में हाहाकार, विधानसभा और सीएम आवास के बाहर आलू फेंक कर किया प्रदर्शन

डेयरी टुडे नेटवर्क,
लखनऊ, 6 जनवरी 2018,

उत्तर प्रदेश में दाम नहीं मिलने से आलू किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। आलू किसानों को समझ में नहीं आ रहा है कि वो क्या करें। आलू के रेट नहीं मिल रहे हैं, कोल्ड स्टोरेज में भरा हुआ आलू निकालने तक के पैसे किसानों के पास नहीं है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आलू किसानों ने जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन किया है। अपना विरोध जताते हुए किसानों ने कई टन आलू मुख्यमंत्री आवास, विधानसभा और राजभवन के बाहर फेंक दिया है।

उत्तर प्रदेश के किसान उत्तर प्रदेश की सरकार से बेहद नाराज हैं जिसका असर शनिवार को मुख्यमंत्री आवास और विधानसभा के बाहर देखने को मिला।शुक्रवार की रात मुख्यमंत्री आवास और विधान सभा के सामने किसान, कुन्तलों बोरे आलू फेंक कर चले गए और सोते हुए प्रशासन को पता तक नहीं चल सका। एक तरफ पुलिस और एलआईयू सोती रही और दूसरी तरफ किसान आलू फेंकते रहे। इतना ही नहीं राजभवन के सामने भी सड़कों पर आलू पड़ा मिला।

10 रुपये प्रति किलो का न्यूनतम रेट मांग रहे हैं किसान

किसानों को मंडियों में 4 रुपये प्रति किलो, आलू का रेट मिल रहा है जिससे उनकी लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रही है। किसान उसका वाजिब दाम सरकार से मांग रहे हैं, और किसान चाहते हैं कि आलू का मूल्य कम से कम 10 रूपये प्रति किलो होना चाहिए। शनिवार को तड़के जैसे ही आलू फेंकने की खबर मिली सीएम आवास और विधानसभा के बाहर हड़कंप मच गया। वही अधिकारी अपनी इज्जत बचाने के लिए आलू उठवाने लगे। आपको बता दें की कुन्तलों बोरे आलू वाहनों के पहिए के नीचे दबकर खराब हो गया।

आलू किसान पहले भी कर चुके हैं प्रदर्शन

सिर्फ लखनऊ ही नहीं, आलू किसान पूरे यूपी में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले दिसंबर महीने में आगरा में भी किसानों ने पुराने आलू फेंककर प्रदर्शन किया था। आगरा बेल्ट में आलू की कीमतें 20 पैसे प्रति किलो तक पहुंचने से किसान बेहद हताश परेशान नजर आए। दरअसल पिछले साल आलू की बंपर पैदावार होने की वजह से किसानों ने पैदावार कोल्ड स्टोरेज में रखवा दी थी, लेकिन पुराने आलू की तरफ लोगों का रुख कम होने से लोग इन्हें खरीदने से कतरा रहे हैं और स्टोरेज मालिकों के पास इसे फेंकने के अलावा कोई चारा नहीं है। प्याज और टमाटर के बढ़ते दामों के बीच आलू किसानों के लिए सरकार की तरफ से कोई घोषणा नहीं हुई है।

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