दुग्ध उत्पादन सहयोग समिति के नाम पर चले रहे गोरखधंधे का भंडाफोड

वैशाली (बिहार), 15 जुलाई 2017

प्रखंड क्षेत्र में संचालित हो रहे दूध सेंटर के नाम पर अवैध धंधा किए जाने का मामला उजागर हुआ है। सुधा डेयरी के उत्पादों की गुणवत्ता पर भी दूध सेंटर चला रहे संचालक ने प्रश्न चिह्न खड़ा कर दिया है। यह अवैध धंधा दूध सेंटर के एक पदाधिकारी की ओर से शनिवार को उजगार किया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार हाजीपुर-महनार रोड के देसरी थाना अंतर्गत जहांगीरपुर गांव के अनुराधाचक दुग्ध उत्पादन सहयोग समिति के उत्पादों की गुणवत्ता के संबंध में पटना के नौबतपुर स्थित चैसी गांव के राकेश कुमार ने स्टेट मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन से शिकायत की थी कि संबंधित सहयोग समिति की ओर से 50 रुपये के सस्ते पाउडर से रोजाना आठ हजार लीटर दूध तैयार कर उसे हाजीपुर स्थित चि¨लग सेंटर के प्रबंधक और निदेशक की मिलीभगत कर रोजाना खपाया जा रहा है।

इस शिकायत के आलोक में कम्फेड के प्रभारी परिचालन अधिकारी आरपी प्रसाद एवं उनकी टीम ने जब इस सहयोग समिति की जांच की तो उन्होंने पाया कि कि दूध सेंटर के कैंपस के पीछे चौदह केन दूध रखा हुआ था। जबकि वहां रखे अन्य 117 केन खाली थे। जांच के क्रम में संचालक की ओर से सेंटर में स्थित एक दूसरे कमरे जिसकी चाबी जांच टीम को नहीं दी गई, उसकी खिड़की से जब जांच टीम ने झांक कर देखा तो पाया कि उस कमरे में रखे गए 60 केन में एक सफेद रंग का पदार्थ भरा जा रहा था। वहीं इसके ठीक बगल में दो बड़ी कड़ाही उसी सफेद रंग की तरह पदार्थ को तैयार कर रखा गया था। बाहर रखे दूध से सैंपल लेकर जांच टीम ने उसकी जांच के लिए जब सेंटर के टेस्टर से पूछताछ की तो उसने बताया कि इस सहयोग समिति के सचिव गनौर राय एवं अध्यक्ष ¨रकू देवी हैं जो फिलहाल यहां मौजूद नहीं हैं। इसके बाद जांच टीम सदस्यों ने लिए गए सैंपल की जांच कराई तो उस तरफ पदार्थ में फैट सहित गुणवत्ता संबंधी अन्य कोई मानक मौजूद नहीं था। इसके बाद जब इस अवैध धंधे के बारे में सारे तथ्य सामने आए तो कंफेड के जांच पदाधिकारी आरपी प्रसाद ने अनुराधचक दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति और इससे जुड़े लोगों पर देसरी थाने में मिलावट और धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज कराते हुए सेंटर को सील कर दिया।

दूध के धंधे से मालामाल हो गये कारोबारी

हाजीपुर-महनार रोड में वैशाली पाटलिपुत्र दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ से जुड़ी कई सहयोग समितियां चलाई जा रही हैं। इस कारोबार से जुड़ने से महज एक दशक पूर्व तक आरोपी बनाए गए गनौर राय एक साधारण व्यक्ति थे। उनके इस धंधे से जुड़ने के बारे में उनके गांव के लोगों से मिली जानकारी के अनुसार आज गनौर राय के पास चार ट्रक हैं जो डेयरी में ही चलते हैं। जांच टीम की ओर से दर्ज कराई प्राथमिकी के बाद पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। समिति वाले मकान से समिति का बोर्ड हटा लिया गया गया है।

साभार-जागरण.कॉम

1470total visits.

One thought on “दुग्ध उत्पादन सहयोग समिति के नाम पर चले रहे गोरखधंधे का भंडाफोड”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय खबरें