शौक ने बनाया गुजरात के मोहम्मद कैफ को सफल डेयरी किसान, जानिए हर महीने कितनी है कमाई

नवीन अग्रवाल, डेयरी टुडे नेटवर्क,
मोरबी (गुजरात), 5 जून 2020,

देश में हर राज्य में बड़ी संख्या में युवा डेयरी सेक्टर ( Dairy Sector ) में अपनी तकदीर अजमाने के लिए आ रहे हैं और अपनी मेहनत-लगन से सफल भी हो रहे हैं। डेयरी टुडे ( Dairy Today ) की कोशिश ऐसे ही मेहनतकश, जुझारु और इनोवेटिव प्रगतिशील डेयरी फार्मर्स (Progressive Dairy Farmers ) से आपको रूबरू कराने की होती है। आज हम ‘डेयरी के सुल्तान’ में आपके सामने लेकर आए हैं गुजरात के मोरबी जिले ( Morbi ) के युवा डेयरी किसान मोहम्मद कैफ पीरजादा ( Mohammad Kaif Peerzada ) की सक्सेस स्टोरी (Success Story)।

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राजनीतिक बैकग्राउंड के बावजूद चुना डेयरी फार्मिंग का बिजनेस

मोहम्मद कैफ पीरजादा की उम्र महज 24 साल की है और उन्होंने 2016 में बैचलर ऑफ बिजिनेस एडमिनिस्ट्रेशन (BBA) किया है। राजकोट के निकट मोरबी जिले के वांकानेर तहसील के रहने वाले मोहम्मद कैफ ने डेयरी टुडे से बातचीत में बताया कि उन्होंने बीबीए करने के दौरान ही ठान लिया था कि डेयरी फार्मिंग के सेक्टर में भविष्य तलाशना है। लेकिन परिवार वालों के कहने पर वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। उन्होंने फॉरेस्ट ऑफिसर की परीक्षा पास की, पुलिस सर्विस का एक्जाम दिया, ग्राम पंचायत में तलाटी की नौकरी तो मिली भी गई, लेकिन ज्वाइन नहीं किया। क्योंकि उनका इरादा स्पष्ट था, उन्हें डेयरी फार्मिंग ( Dairy Farming ) में ही अपना करियर बनाना था। एक बात और बता दें कि मोहम्मद कैफ पीरजादा का परिवार राजनीतिक बैकग्राउंड का है। उनके पिता गुजरात कांग्रेस अल्पसंख्यक सेल के वाइस प्रेसिडेंट हैं, ताऊ जी विधायक हैं। उनके दादा जी भी विधायक थे, लेकिन इस युवक में डेयरी फार्मिंग का जुनून है।

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दो गायों से शुरू किया था मंजिल कैटल फार्म

युवा और उत्साहित डेयरी फार्मर ( Dairy Farmer ) मोहम्मद कैफ ने बताया कि बीबीए के बाद करीब दो साल तक वे प्रतियोगी परीक्षाओं में लगे रहे। आखिर 2018 के अंत में उन्होंने वांकानेर के पास राजाबडला गांव में अपने परिवार की जमीन पर मंजिल कैटल फार्म ( Manzil Cattle Farm ) की नींव डाली। प्रकृति से प्रेम करने वाले मोहम्मद कैफ का कहना है कि उन्हें गोपालन का शौक था और जब बिजनेस और शौक मिल जाते हैं तो काम करने में बहुत मजा आता है। मोहम्मद कैफ ने सबसे पहले अपने डेयरी फार्म पर दो गाय रखीं। 6 महीने तक उन्हें पाला और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग ली। हालांकि उन्होंने डेयरी से जुड़ी किताबें भी खूब पढ़ीं, बनासकांठा में एक डेयरी फार्म पर ट्रेनिंग भी ली। लेकिन जितना उन्हें दो गायों को पालकर सीखने को मिला वो कहीं नहीं मिला।

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डेयरी फार्म पर रोजाना 120 लीटर दूध का उत्पादन

एक बार जब कैफ पशुपालन, डेयरी से जुड़ी सभी जानकारी में पारंगत हो गए तो वे धीरे-धीरे गायों की संख्या बढ़ाने लगे। अभी उनके मंजिल कैटल फार्म में 12 गायें हैं, जिमनें 9 एचएफ गाय ( HF Cow ), दो जर्सी गाय ( Jercy Cow ) और एक साहीवाल ( Sahiwal Cow ) नस्ल की गाय है। युवा डेयरी किसान मोहम्मद कैफ ने बताया कि उनके फार्म में रोजाना 120 लीटर दूध का उत्पादन होता है। वे इस दूध को अमूल की डेयरी में बेच देते हैं। 27 से 30 रुपये प्रति लीटर के रेट पर दूध बिकता है, यानि रोजाना करीब 3,500 रुपये का दूध बिकता है। मोहम्मद कैफ आज अपने डेयरी फार्मिंग के बिजनेस से उससे अधिक कमा लेते हैं, जितना कोई मल्टीनेशनल कंपनी में 12 घंटे नौकरी करके कमाता है।

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गायों को बांधा नहीं जाता, डेयरी फार्म पर सभी आधुनिक सुविधाएं

मोहम्मद कैफ के मुताबिक उन्हें डेढ़ साल हो गया है फार्म चलाते हुए। उनके फार्म में गायों के लिए सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। करीब एक एकड़ में फैले डेयरी फार्म में 80 बाई 20 फीट का शेड है। गायों को ठंडक के लिए फॉगर सिस्टम लगा है, पंखे हैं, रबर मैट है, दुहने के लिए मिल्किंग मशीन है। उन्होंने बताया कि वे गायों को बांध कर नहीं रखते हैं, मिल्किंग के बाद गायों को खुला ही छोड़ दिया जाता है। फार्म में नदी की रेत डाली हुई है, ताकि बैठने पर गायों के थनों को नुकसान न हो। डेयरी किसान मोहम्मद कैफ ने बताया कि फार्म के पास की जमीन पर ही वे हरा चारा ( Green Fodder ) उगाते हैं। गायों को गेहूं के भूसे के अलावा, सुबह-शाम हरा चारा, अल्फा-अल्फा घास और नेपियर घास खिलाते हैं।

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गुजरात सरकार की स्कीम के तहत लोन लेकर शुरू किया डेयरी फार्म

मोहम्मद कैफ ने बताया कि उन्होंने डेयरी फार्म के लिए अपने परिवार से कोई आर्थिक मदद नहीं ली। उन्होंने इसके लिए गुजरात सरकार की 12 पशुओं की स्कीम के तहत 6.5 लाख रुपये का लोन लिया है। इस स्कीम के तहत उन्हें इंटरेस्ट पर 7.5 प्रतिशत की सब्सिडी मिलती है, यानि सिर्फ 4.5 प्रतिशत ब्याज ही देना होता है। वे हर महीने 12,500 रुपये की किस्त देते हैं। कैफ ने अपने डेयरी फार्म पर दो लोगों को रोजगार दिया है, जो गायों का रखरखाव करते हैं।

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Farmtree एप की मदद से फार्म के संचालन में मिलती है मदद

मिल्किंग ( Milking ), ब्रीडिंग ( Breeding ) का काम मोहम्मद कैफ खुद करते हैं और इसके लिए वे फार्मट्री एप ( Farmtree ) की मदद लेते हैं। उन्होंने बताया कि डेयरी फार्म के संचालन के लिए फार्मट्री मोबाइल एप बहुत जरूरी है। इससे गायों की मिल्किंग, ब्रीडिंग, वेक्सीनेशन, हीट आदि का रिकॉर्ड रखने में बहुत आसानी होती है। हर महीने 250 रुपये के खर्च में फार्मट्री एप हर मुश्किल को आसान कर देता है। हर गाय से संबंधित मैसेज पहले से ही आ जाते हैं, इससे रजिस्टर आदि रखने की कोई जरूरत नहीं होती है। इससे रेवेन्यू का स्टेटस भी अच्छे से रख सकते हैं और हर महीने मुनाफे का पता भी चल जाता है।

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डेयरी फार्मिंग में सफलता के लिए समर्पण बहुत जरूरी : मोहम्मद कैफ

युवा डेयरी किसान मोहम्मद कैफ पीरजादा का कहना है कि अभी तो उनका सपना पूरा होना शुरू हुआ है। अगले एक से डेढ़ साल में वे गायों की संख्या 50 तक ले जाना चाहते हैं। इसके अलावा वे दूध से खोया और अन्य डेयरी प्रोडक्ट ( Dairy Products ) बनाकर बेचने की भी प्लानिंग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वांकानेर तहसील का खोया पूरे गुजरात ही नहीं दूसरे राज्यों में भी प्रसिद्ध है और आराम से 250 रुपये प्रति किलो बिकता है। मोहम्मद कैफ का संदेश है कि जो भी किसान भाई डेयरी फार्मिंग के क्षेत्र में आना चाहते हैं, उन्हें पूरे समर्पण के साथ काम करना होगा। गाय का दूध निकालना सबसे आसान काम है, लेकिन सफल डेयरी किसान ( Succesful Dairy Farmer ) बनने के लिए गाय के रिप्रोडक्शन पर भी ध्यान देना होगा। क्योंकि अगर गाय का रिप्रोडक्शन चक्र नहीं बन पाया तो मुनाफा कमाना मुश्किल है।

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